आषाढ़ शुक्ला सप्तमी 27 जून शनिवार 2020 को बाईसवें तीर्थंकर श्रीनेमिनाथ भगवान का निर्वाण लाडू उनके ही निर्वाण क्षेत्र गिरनार पर चढ़ाया गया। परम पूज्य गिरनार गौरव आचार्य निर्मलसागर जी महाराज की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से मुनि श्री नयनसागर जी महाराज मुनिश्री धरसेन सागर जी महाराज आर्यिका माताजी आदि पूर्ण संघ के सान्निध्य, ब्र. शांताबेन के निर्देशन अधिष्ठाता ब्र. सुमत भैया के संयोजन में ब्र. सुदेश दीदी के व्यवस्थापन में विश्वशांति निर्मल ध्यान केन्द्र जूनागढ़-गिरनार में 27 जून को पहले भ. नेमिनाथजी की विशाल प्रतिमा का 108 कलशों से अभिषेक किया गया उपरान्त पूजा विधान के साथ 22वें तीर्थंकर की 22 फीट उत्तुंग प्रतिमा के समक्ष 22 किलो का निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। तदोपरांत अपराह्न नेमिनाथ विधान के साथ समोशरन में 11 छोटे लाडू और एक बड़ा लाडू चढ़ाकर निर्वाणोत्सव का कार्यक्रम गौरव पूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। प्रथम कलशाभिषेक का पुण्यलाभ श्री रवीन्द्र सचिन बण्डी इन्दौर परिवार को प्राप्त हुआ, अखण्ड शान्तिधारा का सौभाग्य धर्मश्रेष्ठी समाजरत्न अन्नपूर्णा की उपाधि से विभूषित श्री अभय कुमार नितिन कुमार अर्पित कुमार जैन सावरमती अहमदाबाद को प्राप्त हुआ और श्रीजी के समक्ष 22 किलो का निर्वाण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य युग्म शांतिसागर आचार्यवरों की प्रतिमाओं को स्थापित कराने वाले सांगानेर जयपुर निवासी श्री पदमचंद जैन परिवार को प्राप्त हुआ।
दोपहर की सभा में मंगलाचरण के उपरान्त पाठशाला के बच्चों द्वारा सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, मुनि श्री नयनसागर जी महाराज ने गिरनार के इतिहास एवं भ. नेमिनाथ स्वामी के पांचों कल्याणकों पर प्रकाश डाला, गिरनार गौरव आचार्यश्री निर्मलसागर जी महाराज ने भ. नेमिनाथ स्वामी के पूर्व दश भवों पर विस्तृत प्रकाश डाला। उपरान्त पूजन निर्वाणकांड के साथ 22 किलो का लाडू चढ़ाने का सौभाग्या प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी रूपनगढ़ अजमेर निवासी समाजश्रेष्ठी श्री राजकुमार समर कुमार अमित कुमार सुमित कुमार बड़जात्या परिवार को प्राप्त हुआ। एक-एक किलो के ग्यारह लाडू अन्य श्रावकों ने चढ़ाये। अंत में आरती के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। बाहर से आये हुए एवं स्थानीय श्रावकों का सम्मान किया गया। क्षेत्र के अधिष्ठाता ब्र. सुमत भैया ने बताया कि सभी कार्यक्रम भव्यता के साथ सम्पन्न हुए।
इस कार्यक्रम से पूर्व दिनांक 26 जुलाई को गिरनार गौरव आचार्य श्री निर्मलसागर जी महाराज का 54 वां स्वर्णिम संयम दीक्षा जयंती महोत्सव मनाया गया। जिसमें पहले आचार्यश्री के पादप्रक्षालन, शास्त्र भेंट व गुरु पूजन हुई, तदोपरान्त दोपहर में विनयांजलि सभा हुई, जिसमें संघस्थ साधुओं व उपस्थित श्रावकों ने आचार्यश्री के व्यक्तित्व-कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर गिरनार गौरव आचार्यश्री निर्मलसागर जी के आशीर्वचन हुए
-डा़ॅ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’, इन्दौर 9826091247